
जल केवल हमारा जीवन ही नहीं है। यह पूरी धरती के पेड़ पौधों, जीव जन्तुओ को जीवन देता है.हम पानी में नहाते और खेलते है। जब तक यह पर्याप्त मात्र में मिलता रहेगा हम इसके वारे में सोचते तक नहीं है.हम शायद ही कभी इसके बारे में सोचते हो,ये चीज कितनी करिश्माई है। ये आगे बढ़ता और वहता ही रहता है,ये अपना आकर बदल सकता है,ये तरल से ठोस और ठोस से भाप भी बन सकता है। रासायनिक विधि से हम हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को अलग कर सकते है | पानी वरिष नदी और समुद्र का रूप लेते हुए एक चक्र के रूप में पूरी दुनिया की स्थिति को नियंत्रित करता है। यदि पानी न ही तो हमारी जमीन सुखी और निर्जीव लगती है। धरती पर कुछ स्थान ऐसे है ,जो पूरी तरह से सूखे है ,तथा कुछ स्थान ऐसे भी है, जहाँ पर हमेशा वर्फ जमी रहती है। रेगिस्तानों में में भी थोड़ी बहुत नमी तो होती ही है,जहाँ भी थोड़ी बहुत वरिष होती है| वहां किसी न किसी रूप में जीवन पनप ही जाता है। कुछ सूखे इलाको में वारिश दुर्लभ हो सकती है,जैसे सहारा का रेगिस्तान,लेकिन इस बंजर जमीन में भी कुछ ऐसे पौधे होते है,जो हर नमी का इंतजार करते है। पानी तो जीवन दाता है |भगवान की बनायीं चीजो में हमें पानी के मामले में ही सबसे अधिक कामयाबी मिली है।
शुरूआती दौर से
ही हम नहरे,जलाशय और सिचाई
की प्रणालिया बनाते
आये है। अव
तो हम पानी
से स्वाभाव की
भी कुछ हद
तक नियंत्रित करने
लगे है ।हमने
अपना ध्यान पानी
पर केन्दित किया
है ।क्योकि जल
सबसे कीमती चीज
है |ये जीवन
से पहली जरूरत
है ।पानी की
आपूर्ति सब जगह
बनाये रखना जरुरी
है ।लेकिन सूखे
इलाको में भी
जल की आपूर्ति एक
चुनौती है ।
उत्तर अफ्रीका के रेगिस्तान
पानी के सबसे
सूखे इलाको में
से एक है
। यहाँ पर
नखलिस्तान मौजूद है, नखलिस्तान
रेत् के महासागर
को कहते है
। जो रेत्
के महासागर के
रूप में यहाँ
वह बिखरे पड़े
है । ये
ऐसी जगहों की
निशानदेही करते है,जहाँ भूमिगत
पानी धरती के
करीब है |पारम्परिक
रूप से ये
नखलिस्तान उन लोगो
के आराम करने
की जगह है,जो खानवदोष
थे । ये
एक स्थान से
दूसरे स्थान पर
यहाँ वह आया
जाया करते थे
।
उत्तरी तथा दक्षिणी
ध्रुव पर वर्फ
जमी रहती है,जो पूरे
वर्ष भर जमी
रहती है, यहाँ
पर वर्फीले तूफान
आते रहते है,
यहाँ पर भी
जीवन पनपता है।
रेनडियर, पोलोवेयर तथा बिल्ली
यहाँ पर पायी
जाती है ।यहाँ
का तापमान -४०च
तक गिर जाता
है |रूस के
साइबेरिया नमक स्थान
में ठण्ड के
मौसम में तापमान
-३० तक गिर
जाता है ।
इसके क्षेत्रफल भारत
के क्षेत्रफल से
लगभग ४ गुना
है । इसी
तरह अमेरिका के
एटलांटा में भी
जीवन बहुत कठिन
है ।
जल की रचना
भगवान की सबसे
अनमोल देन है
। एक तरफ
जहाँ महासागरों में
जीवन पनप रहा
है | वही दूसरी
तरफ थल पर
वरिष करके ईश्वर
अपना करिश्मा दिखा
रहा है ।
कही झरने तो
कही नदियां बनाकर
धरती पर अपनी
सुंदरता बिखेरी है | सोचो
यदि जल नहीं
होता तो क्या
हम होते ? ये
पेड़- पौधे तथा
जीव- जंतु, सुन्दर
फूलो का बगीचा
सब कुछ पानी
के कारण है
।
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